‘मैंने खुद 85-90 घंटे तक काम किया’; Narayana Murthy ने बताया गरीबी से बचने का तरीका

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Narayana Murthy Success Tips: इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने देश के युवाओं को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचने की सलाह दी हैं। उन्होंने कहा कि,अगर चीन को पीछे छोड़ना हैं, तो एक सप्ताह में कम से कम 70 घंटे काम करना होगा। साथ ही काम की उत्पादकता भी बढ़ानी होगी। इस सलाह पर देशभर से आई प्रतिक्रियाओं को देखते हुए नारायण मूर्ति अब एक बार फिर से सामने आ गये हैं । साथ ही उन्होंने देश की युवा पीढ़ी को अपनी सफलता का मालिक बताया हैं । Narayana Murthy ने कहा कि, मेरे अपने पिता ने मुझे एक मंत्र दिया था और मैंने खुद अपने वर्किंग डेज में सप्ताह में 85 से 90 घंटे काम किया हैं, जिसका नतीजा आज आपके सामने हैं और यह कोई बर्बादी नहीं है।


मेहनत करते रहो, घंटे देखकर काम न करें काम

रिपोर्ट के अनुसार, नारायण मूर्ति ने कहा कि, आज जो कोई भी देश समृद्ध हुआ है, तो उसने बहुत कड़ी मेहनत करकर उस मुक़ाम को हासिल किया है। आज चीन देश में 1 नंबर पर है, इसकी वजह ये हैं की, वहां कड़ी मेहनत और घंटों की मेहनत की जाती है। नारायण मूर्ति (infosys narayana murthy)  ने कहा कि, उन्होंने कंपनी शुरू की थी तब वह घंटो -घंटो काम करते थे। बता दें, नारायण मूर्ति 1994 तक सप्ताह में 85 से 90 घंटे से अधिक काम करते थे। वह सुबह 6:20 बजे कार्यालय में पहुंच जाते थे और रात को 8:30 बजे ऑफिस छोड़ देते थे। साथ ही एक हफ्ते में 6 दिन काम करते थे। Narayana Murthy की माता-पिता ने बताया था कि, गरीबी से बचने का एकमात्र उपाय कड़ी मेहनत करना है। ऐसा तभी होता है जब कोई घंटे देखकर काम नहीं करता हैं ।

कार्य उत्पादकता बढ़ाना होगा 
 

नारायण मूर्ति (n. r. narayana murthy) कहते हैं कि, मैंने अपने करियर को 40 साल दिए हैं। एक सप्ताह में 70 घंटे से अधिक काम किया हैं और यह कोई बर्बादी नहीं है। भारत को कार्य उत्पादकता को बढ़ाना होगा अगर वह चीन और जापान जैसे सबसे तेजी से विकसित देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहता है।


बता दें, द्वितीय विश्व युद्ध होने के बाद जापान और जर्मनी के लोगो ने अपने देश की खातिर अधिक घंटे काम किया था। भारत के युवा लोग देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत मेहनत करते हैं, फिर भी अभी इसमें कुछ कसार बाकी है। ओला के CEO भाविश अग्रवाल ने मूर्ति से सहमत होते हुए कहा कि, यह समय कम काम करने और खुद अपना मनोरंजन करने का समय नहीं है।


कुछ उद्यमियों की Narayana Murthy के सुझाव से असहमति

नारायण मूर्ति (infosys narayana murthy) के विचारों पर सहमत होने के बाद अग्रवाल ने एक्स पर एक पोस्ट लिखी थी। उन्होंने कहा कि, यह समय कम काम करने और खुद को खुश करने का नहीं है। यह वे समय हैं, जब हम सब कुछ कर सकते हैं और एक पीढ़ी में ऐसा बना सकते हैं, जो अन्य देशों ने कई पीढ़ियों में बनाया है। उद्योगपति सज्जन जिंदल ने भी मूर्ति के बयान का समर्थन किया हैं । बता दें, 5 कार्यदिवसीय सप्ताह की संस्कृति नहीं हैं। भारत जैसे तेजी से विकसित देश की जरुरत है। साथ ही, बहुत से लोग इस दावे से पूरी तरह सहमत नहीं हैं । फिल्म निर्माता रोनी स्क्रूवाला ने कहा कि, लंबे समय तक काम करना ही उत्पादकता को नहीं बढ़ाया जा सकता है।