गर्भावस्था की अवधि के दौरान, पिता और माता को अजन्मे बच्चे को एक ऐसा माहौल प्रदान करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए जो बच्चे में सकारात्मकता, आत्मविश्वास, स्वास्थ्य और प्रतिभा पैदा करे ताकि ये गुण बच्चे का दूसरा स्वभाव बन जाएं
जन्म के बाद, बच्चा माता-पिता द्वारा सिखाए गए गुणों और संस्कारो को अधिक गहरे स्तर पर और तेजी से अपनाएगा !
ऐसे बच्चे भावनात्मक रूप से अपने माता-पिता से अधिक जुड़े होते हैं और अपने स्वास्थ्य, प्रतिभा और बुद्धिमत्ता से चमकते हैं