Nirjala Ekadashi 2024: निर्जला एकादशी हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इसे भीमसेनी एकादशी या भीम एकादशी से जाना जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर हो सकती हैं। शास्त्रों में निर्जला एकादशी के दिन जल पीना लेना चाहिए । इस दिन व्रत रखने से आपके सभी काम सिद्ध हो सकते हैं और आपके सभी व्रतों का फल मिल सकता है। गदाधारी भीम ने महाभारत काल में निर्जला एकादशी का व्रत किया था। ऐसे में इस एकादशी को क्या करें और क्या न करें। चलिए इसके बारे में जानते हैं।
जाने इस पोस्ट में क्या क्या है
Toggleनिर्जला एकादशी के दिन क्या ये करें।
- निर्जला एकादशी के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधिवत रूप से पूजा करें।
- यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है, तो उससे छुटकारा पाने के लिए जल का दान करना शुभ होता है।
- इस गिन पानी, पीले वस्त्र, शरबत और चप्पल का दान करना शुभ माना जाता है।
- इस दिन तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाना चाहिए और 11 बार परिक्रमा करनी चाहिए। ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।
- यदि आप इस दिन व्रत रहे हैं, तो भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करने से आपको लाभ मिल सकता है। पूजा करते समय अनिवार्य रूप से ‘ॐ नमो वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
- निर्जला एकादशी के दिन गाय, कौए और कुत्ते को भोजन कराना उत्तम फलदायी साबित हो सकती है।
निर्जला एकादशी के दिन ये न करें।
- निर्जला एकादशी के दिन किसी भी व्यक्ति को कोई भी अपशब्द न बोले।
- निर्जला एकादशी के दिन चावल खाने से बचे। इस दिन चावल खाने से व्यक्ति अगले जन्म में रेंगने वाला कीड़ा बन सकता है।
- निर्जला एकादशी के दिन ब्राह्मण को खाली हाथ न जाने दें ।
- इस दिन व्रती लोग सोने से बचें।
- निर्जला एकादशी के दिन विवाद से बचना चाहिए। नहीं, तो व्यक्ति मुसीबत में पड़ सकता है।
- तुलसी के पौधे में इस दिन जल नहीं डालना चाहिए। क्योंकि मां तुलसी भी इस दिन व्रत होता हैं।
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