Sawan 2024 : हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत को भगवान शिव और मां पार्वती की कृपा पाने का एक खास दिन माना जाता हैं। प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को यह व्रत रखा जाता है।
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ToggleSawan 2024 : हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत को भगवान शिव और मां पार्वती की कृपा पाने का एक खास दिन माना जाता हैं। प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को यह व्रत रखा जाता है। श्रावण (सावन) कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत शिव को प्रसन्न करने के लिए बहुत प्रभावी है। 2024 के सावन की कृष्ण त्रयोदशी यानी प्रदोष व्रत बृहस्पतिवार 1 अगस्त को होगा। इस दिन भगवान शिव को जलाभिषेक करना बहुत शुभ है। बता दें, भगवान शिव ऐसे भगवन हैं जो अपनी छोटी सी पूजा से भी खुश होकर अपने मनचाहे वरदान देते हैं। लेकिन भगवान शिव आपकी कुछ गलतियों से नाराज़ भी हो सकते हैं। चलिए जानते हैं कि सावन कृष्ण त्रयोदशी, यानी प्रदोष व्रत के दिन क्या नहीं करना चाहिए।
प्रदोष व्रत पर भूलकर भी न करें ये 5 काम
काले कपड़े पहनने से बचें
प्रदोष व्रत के दिन काले कपड़े पहनने से गृहस्थों को बचना चाहिए, क्योंकि इससे उनके जीवन पर शनि का प्रभाव बढ़ सकता है। काला रंग भगवान शिव को पसंद नहीं है। क्योंकि 2024 सावन की कृष्ण त्रयोदशी, यानी प्रदोष व्रत, बृहस्पतिवार को होगा। इसलिए इस दिन पीले या केसरिया रंग के कपड़े पहनकर भगवान महादेव और माता पार्वती की पूजा करें। तांत्रिक साधना करने वालों को भी इस दिन सावधानी से काले रंग के कपड़े पहनना चाहिए।
मंदिर में शोर न करें
मंदिर पहुंचते ही बहुत से लोग इतनी जोर से जयकारा लगाते हैं कि सभी चौंक जाते हैं। इसे धार्मिक असभ्यता माना जाता हैं। आप इससे भगवान का ध्यान नहीं आकर्षित करते, बल्कि इससे उनके दरबार में संकट पैदा होता है। मंदिर में रोना, चिल्लाना या बहस करना भगवान शिव को दुखी करता है। मंदिर में शांत रहना चाहिए। साथ ही मंदिर की सफाई करनी चाहिए। भगवान शिव मंदिर में थूकना, कूड़ा फेंकना या अन्य प्रकार की गंदगी फैलाने से शिव जी नाराज होते हैं। इससे आपका जीवन बिगड़ सकता है।
अशुद्ध और तामसिक भोजन से परहेज
हिंदू परंपरा के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन केवल शुद्ध और सात्विक भोजन खाना चाहिए। त्रयोदशी तिथि को मांस, मछली, अंडे और शराब से दूर रहना चाहिए। इन नियमों का उल्लंघन धन की आमद या जबरदस्त हानि का कारण हो सकता है।
देवताओं और बुजुर्गों की उपेक्षा
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करते समय अन्य देवताओं उपेक्षा करें। इस दिन न केवल सभी देवताओं का सम्मान करना चाहिए, बल्कि बुजुर्ग लोगों का भी सम्मान करना चाहिए। किसी भी तरह, मन, वचन या कर्म से उनकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए, अन्यथा यह सौभाग्य और समृद्धि को प्रभावित करेगा।
भूल से भी न चढ़ाएं ये चीजें
प्रदोष व्रत की पूजा में शिवजी पर भूल से भी कोई पूजा सामग्री नहीं चढ़ानी चाहिए। जैसे केतकी के फूल, तुलसी की पत्तियां, नारियल का पानी, शंख का जल, हल्दी आदि। इन्हें अर्पित करने से भगवान शंकर क्रोधित और नाराज हो सकते हैं, जो आपके लिए बहुत खराब हो सकता है।
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