Propose Day : हम सभी ने जीवन में कभी ना कभी किसी से प्यार किया ही होगा। बता दें, किसी को पसंद करना और दिल की बात कहना दो अलग बातें हैं। पार्टनर के सामने अपने मन की बात कहना प्रपोज करना कहलाता है। 8 फरवरी को प्रपोज डे मनाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि प्रपोज शब्द कहा से आया हैं और यह दिन मनाने की कैसे शुरूवात हुई थी? आज हम इस लेख में प्रपोज डे का इतिहास बताने जा रहे हैं।
जाने इस पोस्ट में क्या क्या है
Toggleकपल्स के लिए खास होता हैं प्रपोज डे (Propose Day)
प्रपोज डे कपल्स के लिए बहुत ही खास दिन होता है। जो लोग किसी से प्यार करते हैं लेकिन, अपने दिल की बात कहने के लिए एक विशिष्ट दिन का इंतजार करते हैं उनके लिए प्रपोस डे (Propose Day) सबसे अच्छा दिन होता है।
प्रपोज डे का इतिहास (Propose Day History)
Propose Day के बारे में कई कहानियां हैं। बता दें, 1477 में ऑस्टियाई आर्कड्यूक मैक्सिमिलियन ने मैरी ऑफ बरगंडी को डॉयमंड की रिंग देकर अपने दिल की बात कही थी। साथ ही ऐसी ही एक स्टोरी जिसमे 1816 में प्रिंसेस चार्लोट ने अपने जीवन भर के पार्टनर को प्रपोज किया था। तबसे वैलेंटाइन डे वीक का दूसरा दिन, यानी प्रपोज डे, मनाने की परंपरा तब से शुरू हुई । जैकोबस ऑरिया बुक में वैलेंटाइन डे का उल्लेख किया गया है। इस महीने को लव मंथ कहा जाता है।
घुटने पर बैठकर क्यों करते हैं प्रपोज
प्रपोज करते समय लोग अक्सर घुटने पर बैठकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं। लोगों का मानना है कि घुटने पर बैठकर प्रपोज करना इज्जत और वाडे का प्रतीक होता है। इसी लिए मध्यकाल से घुटने पर बैठकर प्रपोज करने की परंपरा शुरू हुई।
Propose करते समय ध्यान दें
- अपने पार्टनर की पसंद नापसंद का ध्यान रखे।
- जिसे दिल की बात करने वाले हैं उस पर प्रेशर न डालें।
- बात करते समय अच्छे शब्दों का इस्तेमाल करें।
- कभी भी प्रपोज करते समय झूठ ना बोलें।
- अपने पार्टनर को स्पेशल गिफ्ट दें।