Farting:क्या आपके पेट में भी गैस बनती है और आप भी बार-बार गैस छोड़ते हैं? अगर आपका जवाब हां है तो , तो शर्माइए मत, खुलकर गैस छोड़ें क्योंकि इसके भी कुछ फायदे हैं। पादना सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है अगर आपके शरीर से किसी भी प्रकार की गैस बाहर नहीं आती हांलांकि गैस छोड़ना या पादना (Farting) यह एक प्राकृतिक क्रिया है। अधिक तला-भुना और मसालेदार खाने के कारण पेट में गैस हो जाती है। यह गैस दो रास्तों से बाहर निकलती है। मुंह से बाहर निकलने को डकार कहते हैं और वहीं गुदा मार्ग से निकलने पर पाद (Farting)कहते हैं। यदि आप बहुत से लोगों के बीच बैठें है और इस बीच आप पेट की गैस यानि पाद छोड़ते हैं, तो यह कई बार आपको बेहद शर्मिंदगी महसूस करवाता है। लेकिन इसमें शर्मिंदगी की कोई बात नहीं, बल्कि यह आपके पाचनतंत्र के स्वस्थ होने का संकेत मिलते है।
जाने इस पोस्ट में क्या क्या है
Toggleजिस प्रकार से हम खाना खाते हैं वैसे ही खाना पाचन के बाद में उत्पन्न होने वाली गैस महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है हम जल्दी-जल्दी में कुछ खाते है इसी से हमरे शरीर में गैस उत्पन्न होती हैं. तो हम हवा भी निगल लेते हैं। यह हवा पाचन तंत्र में फंस सकती है जिसके काऱण गैस निकलती हैं वह गैस ही पाद कहलाती हैं आप उस जगह इतना शर्मा जाते हैं कि आपके पास कहने के लिए कुछ शब्द नहीं होते लेकिन आपको ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए | आज हम जो बताने जा रहे हैं उसे तरीके से आप लोगों को बताएं की पाद (Farting) कैसे निकाले क्योंकि पाद कई प्रकार की हो सकती है. कभी-कभी बहुत ज्यादा तेज निकलती है और कभी-कभी बहुत ही स्लो निकलती है |
पाद (Farting) आने के कारण
हम जिस प्रकार के खाद्य पदार्थ खाते हैं वे पाचन के दौरान उत्पन्न होने वाली गैसों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बीन्स, दाल, पत्तागोभी और कुछ कार्बोनेटेड पेय पदार्थ जैसे खाद्य पदार्थ गैस पैदा करने के लिए खतरनाक हैं।
जब हम जल्दी-जल्दी में खाना या पानी पीते हैं तो उसके साथ हवा भी निकाल लेते हैं जिससे हमारे पाचन तंत्र में हवा फस जाती है यह एक पादने (Farting) का कारण भी हो सकता है।
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आंत माइक्रोबायोम की संरचना पाचन के दौरान उत्पन्न होने वाली गैसों को प्रभावित करती है। विभिन्न जीवाणु उपभेद हमारे द्वारा उपभोग किए जाने वाले खाद्य पदार्थों के साथ परस्पर क्रिया करते हैं, जिससे अलग-अलग गैसों का निर्माण होता है।
पाचन संबंधी विकार:
चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम (आईबीएस) या लैक्टोज जैसी कुछ चिकित्सीय स्थितियों के कारण खराब पाचन के कारण हमारा पेट फूल सकता है।
अत्यधिक या दुर्गंधयुक्त गैस कभी-कभी अन्दर के स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती है। यदि आप अत्यधिक पेट फूलने के साथ-साथ लगातार असुविधा, सूजन या आंत्र की आदतों में बदलाव का अनुभव करते हैं, तो किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर डॉक्टर से परामर्श करना उचित होगा।
पादने से होने वाले फायदे: Padne ke fayde
सब लोग जानते है की शरीर से गैस नहीं निकलने के कारण शरीर में किसी भी प्रकार की बीमारी बनी रहती हैं ! औरआप जिस चीज का इलाज करते हैं या फिर किसी भी प्रकार की शारीरिक क्रिया करते हैं इस तरह पादने के भी कई प्रकार के फायदे होते हैं जो आज हम इसके कुछ फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं !
- पाद पेट की सूजन को कम करता है
- पाद कीटाणुओं को संचारित कर सकता है
- जब भी गैस पेट के बाहर निकलती है, तो पेट अंदर से साफ हो जाता है और आपके शरीर में मौजूद व्यर्थ गैस बाहर निकल जाती है. जिससे सर दुखना, छाती में दर्द और अन्य परेशानियों से भी राहत मिलती है ।
- पादने (Farting) से पता चलता है कि आप अच्छी डायट फॉलो कर रहे है या नहीं कर रहे
- जब भी गैस शरीर से बाहर निकलती है, तो आपके पेट को बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है. जैसे गैस एसिडिटी जैसी समस्याएं खत्म हो जाती है |
- पादने का सबसे बड़ा फायदा है कि, इससे शरीर के अंदर से गैस निकल जाने पर कई बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है |।
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ज्यादा पाद आए तो क्या करना चाहिए
- अगर आप दिन में बार-बार पढ़ते हैं, तो ऐसी हालत में आपको लहसुन का सेवन करना चाहिए।
- साथ ही आपके खाने पीने का नियमित टाइम फिक्स कर लेना चाहिए और अपने खान-पान में सुधार कर ले |
- पाद रोकने के लिए उस व्यक्ति को चिक्त्सिक की सलाह से आयुर्वेदिक दवाइयों का सेवन करना चाहिए।
- पाद रोकने के लिए आपको बासा भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
यह समझना जरूरी है कि, पादना एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है इसमें शर्मिंदगी करने वाली ऐसी कोई भी बात नहीं है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे उम्र या लिंग की परवाह किए बिना हर कोई अनुभव करता है। हालांकि कभी-कभार होने वाली बातों में हँसी और मजाककाभी समाना करना पड़ता हैं, लेकिन अपने शरीर के संकेतों पर ध्यान देना और यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि आपका पाचन तंत्र बेहतर ढंग से काम कर रहा है।
पादना एक प्राकृतिक क्रिया है जो हमारे पाचन स्वास्थ्य के बारे में जानकारीदेता हैं। सावधानीपूर्वक भोजन का चयन करके और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, हम उन प्राकृतिक प्रक्रियाओं को अपनाकर पेट फूलने की समस्या को रोक सकते हैं जो हमारे शरीर को स्वस्थ बनाये रखती हैं।