करोड़ों में कमाई, 100 साल पुरानी कंपनी, जानें Success Story

Success Story

Success Story : उत्सुकता और बचपन से बड़ा कोई शिक्षक नहीं है। Parel,जी आओ बनाएं कल के जीनियस।टीवी पर दिखाई देने वाले इस विज्ञापन को हर कोई जानता है।

Success Story : उत्सुकता और बचपन से बड़ा कोई शिक्षक नहीं है। Parel,जी आओ बनाएं कल के जीनियस।टीवी पर दिखाई देने वाले इस विज्ञापन को हर कोई जानता है। आखिरकार, हर किसी का बचपन पारले जी के साथ बीता है। पारले जी का नाम सबसे पहले बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की जुबां पर आता है जब बिस्किट का नाम आता है। चलिए जानते हैं पारले जी से जुड़ी एक मजेदार कहानी।

कब हुई पारले जी की शुरुआत?

स्वदेशी आंदोलन के दौरान पारले जी बिस्किट का जन्म हुआ था। मोहनलाल दयाल पहले चॉकलेट कंपनी चलाना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने बिस्किट बनाने का विचार किया। दरअसल, 1905 में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत से विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार होने लगा। उस समय बिस्किट अमीरों का स्नैक्स था। राजा-महाराजा और अंग्रेजी सरकार के कर्मचारी ही बिस्किट खरीदकर खा सकते थे। यही कारण था कि मोहनलाल दयाल ने स्वदेशी बिस्किट बनाने का फैसला किया और पारले जी पूरे देश में लोकप्रिय हो गया।

कैसे पड़ा नाम?

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पारले जी के नाम से जुड़ी एक और दिलचस्प कहानी है। पारले जी कंपनी की शुरुआत करने के लिए मोहनलाल दयाल ने मुंबई का एक क्षेत्र चुना। उनकी बिस्किट फैक्ट्री विले पार में थी। उन्होंने उस स्थान के नाम पर अपने बिस्किट का नाम “पारले” रखा। बाद में पारले बिस्किट का नाम बदलकर “पारले ग्लूको” हो गया। विज्ञापन रणनीति के तहत, कंपनी ने पारले बिस्किट को ग्लूकोस का स्रोत बताने के लिए ग्लूको को नाम के पीछे जोड़ा। ग्लूको को हटाकर “जी” जोड़ा गया, जिसका मतलब आप सभी जानते हैं। “पारले जी… जीनियस के लिए।”’

दुनिया का नंबर 1 बिस्किट

2011 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पारले जी दुनिया में सर्वाधिक बिकने वाला बिस्किट है। पारले जी फैक्ट्री को शुरू करने के लिए 60 हजार रुपये की जर्मनी की मशीन आई और बारह कर्मचारियों की मदद से पारले जी बिस्किट बनकर तैयार हुए। कुछ ही समय में पारले जी देश में सबसे लोकप्रिय बिस्किट बन गया। 1938 में पारले जी बिस्किट आया। आपको हैरानी होगी कि पारले जी भारत और चीन में सबसे लोकप्रिय बिस्किट है।

पारले जी की नेटवर्थ

पारले जी ने कई महत्वपूर्ण ब्रांडों को पीछे छोड़ दिया है। 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, पारले जी ने पिछले दो वर्षों में 8000 करोड़ रुपये के बिस्किट बेचे थे। पुराने ब्रांडों में मोनेको, क्रैकजैक, मिलानो और हाइड एंड सीक शामिल हैं। पारले जी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भारत के अलावा छह देशों में हैं। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया आदि नाम मौजूद हैं। फोर्ब्स 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, पारले जी कंपनी के मालिक विजय चौहान का नेटवर्थ 5.5 बिलियन डॉलर, या 45.579 करोड़ रुपये है।

पारले जी पर बनी लड़की कौन?

पारले जी, आप बिस्किट के पैकेट पर एक छोटी बच्ची की तस्वीर से निश्चित रूप से परिचित हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तव में यह बच्ची कौन है? कई लोगों ने कहा कि यह बच्ची इंफोसिस के मालिक नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति है। लेकिन यह आरोप गलत था। ग्राफिक का उपयोग करके यह एक काल्पनिक बच्ची बनाया गया है।