Shri Ram : पुराने समय में आसनसोल में हिंदू लोग एक दूसरे को जय श्रीराम और जय सियाराम कहकर स्वागत करते थे, लेकिन आज देश में बहुत कुछ बदल गया है। लोगों के विचार, रहन सहन और बोलचाल में भी बहुत बदलाव आया है। ऐसे में, इन बदलावों के बीच भी हिंदू धर्म से जुड़े कुछ लोग अपने पुराने कल्चर को बचाने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल के आसनसोल नियामतपुर में रहने वाली प्रणिती बैनर्जी और उनके दोस्त सुमन चौधरी उनमें से हैं।
जाने इस पोस्ट में क्या क्या है
Toggleदोनों बचपन से ही माता सीता और भगवान श्री राम के परम भक्त हैं, यही कारण है कि, वे लोगों के दिलों में भक्ति और उनकी ललक जगाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। वह भगवान श्री राम और माता सीता की कहानी सुनाते हैं साथ ही वे जहां जाते हैं वहा श्री राम का अर्थ बताते हैं।
प्रणिती और सुमन ने उठाया अनोखा कदम
सुमन अभिनय के क्षेत्र से जुड़े हैं, जबकि प्रणिती पेसे से मेकअप आर्टिस्ट हैं। दोनों परम मित्रों ने श्री राम का अर्थ बताने का अनोखा प्रयास किया है। यह कदम उनकी चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रणिती और सुमन ने ऐसा ही किया है, इसलिए सोशल मीडिया पर उनके अभय चरित्र की बहुत प्रशंसा हो रही है। प्रणिती ने अपने दोस्त सुमन को 2 रूपों ढाला है। एक राम का है, और दूसरा माता सीता का। कहें तो एक शरीर में दो अभय चरित्र हैं, जो असाधारण हैं।
जय सियाराम या जय श्रीराम के मूल अर्थ को प्रणिती और सुमन बताना चाहते हैं। राम और सीता एक हैं, ऐसे प्रणिती कहती है, इसलिए जब भी भगवान राम का नाम उच्चार किया जाता है, उसके पहले श्री या सिया लगाया जाता है। जैसे प्राचीन काल में लोगों ने एक दूसरे का स्वागत करते हुए जय श्रीराम या जय सियाराम का अभिवादन किया था।
“श्री” शब्द का क्या होता है अर्थ
मान्यताओं के अनुसार, “श्री” का अर्थ लक्ष्मी और “सिया” का अर्थ सीता है, जिससे “श्री” सम्मान का संकेत देता है। यही कारण है कि घर, परिवार और समाज में सम्मानित लोगों के आगे श्री लगते हैं। आपको जानकर हैरान होंगे कि, शास्त्रों में केवल भगवान विष्णु के नाम के आगे ही “श्री” लगाने का विधान बताया गया हैं।
इसका कारण यह है कि श्रीहरि के आगे लगने वाले शब्द “श्री” का अर्थ “माता लक्ष्मी” हैं । माता लक्ष्मी के कई नामों में से एक नाम “श्री” हैं। इस शब्द का अर्थ “ऐश्वर्य प्रदान करने वाली” हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं, इसलिए इन्हें श्रीहरि कहते हैं।
“श्री” शब्द का प्रयोग
बता दें, माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि, भगवान कृष्ण और प्रभु राम के नामों में पहले किस कारण “श्री” शब्द का प्रयोग होता है? यही कारण है कि धार्मिक ग्रंथों में भगवान राम और कृष्ण को विष्णु का ही अवतार बताया गया है। यही कारण है कि उन्हें बोलने से पहले श्री का प्रयोग किया जाता है। कृष्ण की पत्नी रुक्मिणी और राम की पत्नी सीता को भी मां लक्ष्मी का अवतार बताया गया है। इसलिए, उन्हें वंदन करने से पहले “श्री राम” और “श्री कृष्ण” शब्द प्रयोग किया जाता हैं।
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