Consumer Affairs Alert for Petrol and Diesel Fraud: पेट्रोल पंपों पर तेल चोरी की आम बात हो गयी है। ग्राहक के आंखों के सामने पेट्रोल-डीजल पंप के कर्मचारी चोरी करते हैं साथ ही पूरा पैसा वसूल कर लेते हैं। केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग कंज्यूमर अफेयर्स ने अपने X अकाउंट पर जागो ग्राहक जागो अभियान के तहत लोगों को जागरूक करने के लिए एक पोस्ट जारी किया है। इस पोस्ट में कैरिकेचर्स के जरिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया है। जिसमे बताया गया की, सिर्फ जीरो पर ध्यान देने से पेट्रोल पंप पर काम नहीं चलेगा। तेल की चोरी और धोखाधड़ी से बचने के लिए लोगों को कुछ बातों पर खास तौर ध्यान देना चाहिए । तभी आप तेल की चोरी और धोखाधड़ी से बच सकेंगे। चलिए जानते हैं इसके धोखाधड़ी से कैसे बचा जा सकता है।
जाने इस पोस्ट में क्या क्या है
Toggleजंप ट्रिक से होता है फ्रॉड
Consumer Affairs ने एक ट्वीट में कहा कि, डीजल या पेट्रोल भरने से पहले ग्राहक को इन बातों का ध्यान रखना होगा कि, मीटर 0.00 पर है। साथ ही डिस्पेंसिंग मशीन की जांच का सर्टिफिकेट डिस्प्ले किया गया हो । यदि ग्राहक चाहे तो पेट्रोल पंप पर पांच लीटर की डिलीवर्ड क्वांटिटी चेक कर सकता हैं। पेट्रोल भरते समय मशीन में जीरो को अवश्य चेक कर ले। क्योकि तेल की चोरी करने वाले कई पेट्रोल पंपों के कर्मचारी तेल की कीमतों को सही तरीके से नहीं बताते है । वह आपको मीटर पर जीरो दिखाते है। और हमें लगता है की, गाड़ी में पर्याप्त मात्रा में पेट्रोल जा रहा है, लेकिन ऐसा हर बार नहीं होता है।
फ्रॉड करने के लिए यह बंदे मशीन में जंप ट्रिक का इस्तेमाल करते हैं। जिसको पकड़ने के लिए आपको यह देखना होगा कि पैसा जीरो से सीधा ₹5 को क्रॉस करता है। तो इसका मतलब यह है कि, इस ट्रिक को यूज़ किया गया है। अगर इस ट्रिक को आपने पकड़ लिया तो आप धोखे से बच सकते हैं।
डेंसिटी का रखें ध्यान
बता दे डीजल और पेट्रोल भरते समय दबाव का भी खास ध्यान रखना जरूरी है। अगर कुछ गड़बड़ हुई तो इसका बोझ सीधी आपके जेब पर बढ़ सकता है। बता दे डेंसिटी का सीधा संबंध पेट्रोल या डीजल की शुद्धता से ही होता है। अगर पेट्रोल की डेंसिटी मानको के मुताबिक होगी तो तेल डालने के बाद आपकी कार बाइक अच्छी एवरेज देती है। और इसके अलावा आपकी गाड़ी का इंजन भी जल्दी खराब नहीं होगा। मानको के मुताबिक पेट्रोल की शुद्धता की डेंसिटी 730 से 800 की बीच होनी जरूरी है। वहीं डीजल की डेंसिटी 830 से 900 के बीच में होनी चाहिए। मशीन में जहां पर पेट्रोल और डीजल का पैसा और क्वांटिटी लिखी हुई होती है, उसके ही ठीक नीचे डेंसिटी भी लिखी हुई होती है। अगर डेंसिटी मानकों के मुताबिक नहीं है। तो यह ग्राहक को अधिकार है कि, वह पेट्रोल पंप के मैनेजर से सवाल जवाब कर सकता है। अगर मैनेजर और कर्मचारी इसका जवाब नहीं देता है तो इसकी शिकायत भी दर्ज की जा सकती है।
इन बातों का रखें खास ध्यान
रिपोर्टों के मुताबिक , लोगों को खास तौर पर पेट्रोल और डीजल की क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए। पेट्रोल पंप के कर्मचारी अक्सर धोखाधड़ी करने के लिए मशीन में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाते हैं। जिससे की मीटर में तेल की पूरी मात्रा दिखाई नहीं देती हैं। बात दे ग्राहक क्र पास यह अधिकार होता है कि, वह तेल की मात्रा की जांच कर सकता है अगर ग्राहक को इस पर कोई संदेह है। तो वह इसके लिए कर्मचारियों को 5 लीटर के मापन से तेल की मात्रा को मापने के लिए कह सकता है।
रुक-रुककर पेट्रोल आने वाले पेट्रोल पंप मशीनों से तेल न भरवाएं। 1986 के कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के अनुसार, लोगों को तेल में मिलावट की जांच करने का अधिकार दिया गया है। जिसके लिए प्रत्येक पेट्रोल पंप पर फिल्टर पेपर लगाया जाता है। उस फिल्टर पेपर पर कुछ पेट्रोल डालें अगर पेट्रोल मिलावटी है तो पेपर पर दाग छूट जाता है। वहीं अगर पेट्रोल साफ होगा तो पेपर पर दाग नहीं छूटेगा।