Harsingar : आपकी आंखों और मन को सुकून का ऐहसास देने वाला यह सुंदर पौधा आपकी सेहत को सुधारता है। इसकी फूल और छाल का उपयोग कई बीमारियों को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसलिए इसे Night jasmine या हरसिंगार के नाम से जाना जाता हैं। इसे आप घर के बगीचे में लगा सकते हैं।
जाने इस पोस्ट में क्या क्या है
ToggleHarsingaar health benefits : हरसिंगार फूल (Night jasmine) को देखते ही मन प्रसन्न हो जाता है। इसकी सुगंध पूरे घर में महकती है। इसके सफेद फूल बगीचे की सुंदरता को बढ़ाते हैं। आपकी आंखों और मन को सुकून देने वाला यह सुंदर पौधा आपकी सेहत भी सुधारने के भी काम आता है। साथ ही harsingar ka paudha के फूल और छाल को कई बीमारियों को ठीक करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। यही कारण है कि Night jasmine या हरसिंगार, का पौधा घर के बगीचे में जरूर लगाना चाहिए।
चमत्कारी हरसिंगार या पारिजात
चमत्कारी हरसिंगार या फिर परीजात (harsingar ka paudha) इस वनस्पति का नाम लिखते थे। इस पौधे का वास्तविक नाम ‘निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस’ है। वही इसे अंग्रेजी में नाइट जैस्मिन भी कहा जाता है। कहा जाता है कि, वनवास के दौरान माता सीता पारिजात के पुष्पों के हर को बनाकर पहना करती थी। इसलिए इसका नाम श्रृंगार हार भी है। इस पौधे की उत्पत्ति का कथाओं में उल्लेख किया गया है। कहा जाता है कि, इसकी उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। और यह सबसे पहले देवताओं को मिला था। फिर स्वर्ग में इंद्र ने इस पौधे को अपनी वाटिका में रोक दिया था। पुरानी मान्यता के अनुसार नरकासुर के वध के बाद इंद्र ने कृष्ण को परीजातक के फूल पुष्प भेंट किए थे। जिसे उन्होंने देवी रुक्मणी को भेट दिया था
हरसिंगार से सेहत में होने वाले फायदे | (harsingar ke patte ke fayde)
- अगर आप लंबे समय से सूखी खांसी से जूझ रहे हैं। तो harsingar के पत्तों और फूलों से बनी चाय पीने से इस बीमारी से निजात मिल जाती है। हरसिंगार के पत्तों में पाए जाने वाले गुणकारी तत्व इथेनॉल, अर्क खांसी और जुकाम को ठीक करने में मदद करता है।
- harsingar के तेल का इस्तेमाल स्ट्रेस दूर करने के लिए भी किया जाता है। बता दे इसके तेल के मालिश करने से सेरोटोनिन का लेवल शरीर में बढ़ने लगता है। जिससे कि यह आपके अंदर खुशी वाले हारमोंस को जागृत करता है। जिससे आप एक्टिव और एनर्जेटिक महसूस करने लगता है।
- हरसिंगार हर्बल का यह पौधा (harsingar ka ped) दाद में बहुत काम आता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एनर्जी एलर्जी वाले गुण पाए जाते हैं। यह बैक्टीरिया को रोकने में मदद करता है। साथी यह फंगल संक्रमण को फैलने से रोकता है।
- अर्थराइटिस में हरसिंगार के पत्ते बहुत अधिक फायदा पहुंचाते हैं। इन पत्तों का इस्तेमाल साइटिका में होने वाले असहनीय दर्द को कम करने के लिए किया जाता है। बता दे यह समस्या महिलाओं में खासकर देखी जाती है।
- अगर आपको तेज बुखार है तो harsingar के पत्ते और छाल का अर्क बहुत ही फायदेमंद होता है। यह मलेरिया डेंगू और चिकनगुनिया जैसे बुखार को काम कर देता है। साथी इससे प्लेटलेस को भी बढ़ाया जा सकता है।
सवाल – जवाब (FAQ)
हरसिंगार के पौधे को हिंदी में क्या कहा जाता है ?
पारिजात के पौधों को हरसिंगार भी कहते हैं। हर किसी ने पारिजात के फूलों का प्रयोग जरूर किया होगा। लेकिन बहुत से लोग पारिजात के गुना के बारे में नहीं जानते हैं। बता दे पारिजात का पेड़ बाग बगीचों में पाया जाता है
हरसिंगार के पत्ते को उबालकर पीने से क्या फायदा मिलता है ?
हरसिंगार के पत्ते से बनी चाय खांसी जुकाम और ब्रोंकाइटिस को कम करने के लिए किया जाता है। दरअसल हरसिंगार की चाय में इथेनॉल अर्क मौजूद होता है। साथ ही यह अस्थमा में भी खूबसूरती से काम आता है। इसके लिए अदरक के साथ कुछ परी जातक के फूल और पत्ते ले और इसे 2 कप पानी में 5-7 मिनट तक उबाले
हरसिंगार का उपयोग जोड़ों के दर्द में कैसे किया जाता है ?
इसके लिए आपको तुलसी की 2 से 3 पत्तियां, 3 ग्राम छाल और 2 ग्राम हरसिंगार के पत्ते को मिलाकर पानी में उबालकर काढ़ा बना ले। इस काढ़ा को दिन में 2 बार पिए जिससे आपको काफी आराम मिलेगा।
मुझे हरसिंगार के पत्ते कितने दिन पीना चाहिए ?
साइटिका की बीमारी या जोड़ों के दर्द में हरसिंगार के पत्ते का सेवन काफी लाभकारी माना जाता है। कहा जाता है कि 21 दिनों तक हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा पीने से साइटिका का दर्द दूर हो जाता है। साथ ही इसका इस्तेमाल ऐसा बुखार जो ठीक ही नहीं हो रहा हो ऐसे में हरसिंगार के काढ़ा का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
पारिजात और हरसिंगार के पौधों में क्या अंतर होता है ?
सुगंधित फूलों वाला पारिजात जिसे हम हरसिंगार या रातरानी का फूल (harsingar flower) भी कहते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इसे स्वर्ग से लाया हुआ पौधा भी कहा जाता है। इसकी खुशबू बहुत ज्यादा पसंद की जाती है। साथी इसका इस्तेमाल पारंपरिक दावों में भी किया जाता है। परीजातक के मात्र एक पौधे से ही ढेरों फुल मिलते हैं।
मैं हरसिंगार के पौधे की पहचान कैसे कर सकता हूं ?
यह पौधा 10 से 11 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकती है। और इसकी छाल खुरदरी होती है। जो की परतदार और भूरे रंग की होती है। इस पौधे की उत्पतियां लम्बे बालों जैसी होती है। जबकि इसके सफेद फूल इसकी शाखों के शीर्ष पर गुच्चो में उगते हैं। हरसिंगार का फॉर्म एक गोल या दिल के आकार का कैप्सूल जैसे होता है। जो कि, आमतौर पर भूरे रंग का होता है।
हरसिंगार की चाय कैसे बनाये ?
जैसे आप सामान्य चाय बनाते हैं। वैसे ही आपको हरसिंगार की चाय बनाने के लिए चाय में हरसिंगार की पत्तियां डाल दें। उबाल आने के बाद इसको छलनी की मदद से छान ले फिर चाय की खुशियों का मजा ले।