Jam Sawali hanuman mandir: शायद भारत में ऐसा कोई कोना या क़स्बा हो जहाँ पर Hanuman Ji का कोई मौजूद नहीं हो ! आपको भारत के हर कोने में Hanuman Ji का मंदिर मिल जायेगा ! हनुमान जी को कलियुग का देवता भी कहा जाता है ! आज हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे हनुमान मंदिर के बारे में जहां पर Lete hue Hanuman ji का मंदिर है ! हम बात कर रहे है मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सौसर तहसील में मौजूद जामसांवली मंदिर (Jam Sawali Mandir) के बारे में जहाँ हनुमान जी विश्राम अवस्था में विराजमान है ! जो की पुरे भारत में जामसांवली मंदिर (Jam Sawali Mandir के नाम से फेमस है ! चलिए जानते है Lete hue Hanuman ji के इतिहास, चमत्कार और Jam Sawali Mandir ki Kahani की कहानी के बारे में !
जाने इस पोस्ट में क्या क्या है
Toggleजामसांवली मंदिर का इतिहास (Jamsavli Mandir history in Hindi)
इस हनुमान जी के मंदिर (Jam Sawali Hanuman Mandir Sausar) की खास बात यह है कि यहाँ Hanuman Ji की मूर्ति निद्रा अवस्था में है ! ऐसा कहा जाता है कि कई सालो पहले यहाँ इस (Jam Sawali Mandir) मंदिर में चोरी करने के लिए आये थे ! चोरो को पता चला की इस मूर्ति पर बहुत सारा धन है ! कहा जाता है कि चोरो के आने से पहले यह jamsavli hanuman ji की मूर्ति खड़ी अवस्था में थी ! जब चोरो ने इस मूर्ति को हटाने का प्रयास किया तब धन चोरी की सामग्री को बचाने के लिए Hanuman ji की मूर्ति लेट गयी ! और चोर मूर्ति (Jamsavli Mandir se Judi Katha) के निचे दब गए !
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मंदिर में जाने से होती मनोकामनाएं पूरी (jamsavli hanuman mandir sausar)
श्रीराम भक्तों के लिए यह अद्भुत हनुमान मंदिर आस्थाऔर विश्वास का केंद्र है ! इस मंदिर (Jam Sawali Mandir history in Hindi) में जो भक्त सच्चे मन से आता है उसकी मनोकामनाएं पूरी होती है ! हलाकि इस Lete hue Hanuman ji मूर्ति की स्थापना कब हुई और किसने की ? इसका अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिला है ! ऐसा कहा जाता है कि स्वयं स्वामी श्री हनुमान (Hanuman ji) प्रकट हुए ! जाम सावली मंदिर के इतिहास ( Jam Sawali hanuman mandir history) के बारे कहा जाता है कि, आज से 100 सालो पहले राजस्व अभिलेखों में महावीर हनुमान का उल्लेख पीपल के पेड़ के निचे मिला था !
आज तक इस मूर्ति को कोई हिला नहीं सका (Jam Sawali Hanuman Mandir)
ग्रामीण बुजुर्गो की मान्यताओं के अनुसार मूर्ति के निचे छिपे हुए धन खजाने को निकालने के चलते इस Jam Sawali Hanuman Ji की मूर्ति को हटाने की बहुत कोशिश की गयी लेकिन फिर भी इस Lete hue Hanuman ji की मूर्ति को हटाने मे सफल नहीं हुए ! ग्रामीण बुजुर्ग बाते है कि इस Lete hue Hanuman ji की मूर्ति को हटाने के लिए 20 बैलों का भी इस्तेमाल किया गया बावजूद इसके Jam Sawali Hanuman Ji की मूर्ति जरा भी नहीं हिली ! रामायण काल की मान्यताओं के अनुसार जब लक्ष्मण बेसुध हो गए थे तब Hanuman Ji हिमालय पर्वत से संजीवनी लेने के लिए गए थे. तब Hanuman Ji ने संजीवनी को वापस ले जाते समय Jam Sawali Hanuman Mandir में पीपल के पेड़ के निचे विश्राम किया था !
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हनुमान जी स्वयं हुए थे प्रकट (Jamsavli Mandir se Judi Katha)
ऐसा कहा जाता है कि जाम सावली स्थित इस Lete hue Hanuman ji स्वयंभू है ! यानी स्वयं से प्रकट हुए है ! यह कोई भी नहीं बता सकता की मूर्ति कितनी पुरानी है और कब स्थापित हुई थी ! Jam Sawali Hanuman Mandir के बुजुर्ग लोगो के अनुसार Jam Sawali Mandir में स्थित पीपल के जड़ो से स्वयं निर्मित हुए है ! आपके जानकारी के लिए बता दे जामसांवली मंदिर एक वन क्षेत्र में आता है ! हालांकि यहाँ इतने घने जंगल नहीं है ! लेकिन औषधीय पौधों पेड़ पौधों से भरा हुआ है !
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जामसांवली मंदिर के आरती का समय (jam sawali hanuman mandir aarti time)
दिन | समय |
रविवार से शुक्रवार के दिन | सुबह 6.30 बजे और शाम को 6.30 बजे |
शनिवार के दिन | सुबह 5.30 बजे और शाम को 5.30 बजे |
नोट: ग्रहण के दिनो के दौरान आरती के समय में बदलाव हो सकता है।
जाम सावली मंदिर (Jamsavli Mandir) कैसे पहुंचे?
नागपुर से छिंदवाड़ा रोड पर जाम सावली नाम का एक छोटा सा गांव है जहां पर यह Lete hue Hanuman ji का मंदिर है ! अगर आप नागपुर से Jam Sawali Hanuman Mandir जाना चाहते है तो नागपुर से Jamsavli Mandir की लगभग दुरी 67.7 km है ! वही आप अगर छिंदवाड़ा से Jamsavli Mandir जाना चाहते है तो छिंदवाड़ा से इसकी दुरी करीब 61.7 km की है !
जामसांवली मंदिर खुलने का समय (jam sawali hanuman mandir opening time)
दिन | समय |
मंगलवार और शनिवार: | सुबह 5.30 बजे से रात 11.00 बजे तक |
अन्य सभी दिन | सुबह 6:00 बजे से रात 10.00 बजे तक. |
हनुमान भगवान श्री राम के पैरो में सो रहे है ! (Jamsavli Hanuman Mandir)
एक कहावत के अनुसार भगवान राम हमेशा अपने भक्तो के लिए पीपल के पेड़ में खड़े रहते है ! Jam Sawali Hanuman Mandir जाने के बाद ऐसा लगता है मानो Hanuman ji भगवान श्री राम जी के पैरो पर सो रहे हो ! इस Jamsavli Mandir का निर्माण लगभग 2 दशक पहले किया गया था ! मंदिर के देख रेख करने वाले ट्रस्ट में सरकार भी शामिल है !
Jamsavli Mandir के चमत्कार
यह Jam Sawali Hanuman Mandir महाराष्ट्र से आने वाले लोगो के लिए आस्था का केंद्र है ! Jamsavli Mandir में महाराष्ट्र से आने वाले लोग हर शनिवार को दर्शन के लिए आते है ! साथ ही त्योहारों पर भी हनुमान मंदिर में भीड़ देखी जा सकती है ! यहाँ भक्त अपनी शारीरिक और मानसिक समस्या को दूर करने के लिए चमत्कारिक इलाज करने आते है ! कहा जहा है कि Jam Sawali Mandir में आने से साड़ी परेशानिया दूर हो जाती है ! Jam Sawali Hanuman Ji सारी समस्याओ का निराकरण कर देते है ! इसीलिए इस जगह को चमत्कारी हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है ! इतना ही नहीं Hanuman Ji मूर्ति की नाभि से जल भी निकालता है ! जिसे भक्त इस जल को प्रसाद के रूप में लेते है ! ऐसा मन जाता है कि ये जल पिने से चर्म रोग नहीं होता है ! वही कई रोगो से तुरंत छुटकारा मिलता है !
सवाल / ज़वाब (FAQ )
हनुमान जी को ब्रह्मचारी के रूप में पूजा जाता हैं। इसलिए पौराणिक ग्रंथों में सुबह 4 और रात 9 बजे हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
मंगलवार को हनुमान मंदिर में बैठकर हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करने से आपको सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता हैं ।
विद्वानों का कहना है कि, रात्रि 9 बजे के बाद स्नान कर साफ वस्त्र पहनकर हनुमानचालिसा को पढ़ना चाहिए। यदि आप हर रात 9 बजे बाद 108 बार हनुमानचालिसा पाठ करते हैं, तो आपकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। लेकिन इसके लिए एक शर्त भी है कि, आपकी इच्छा पूरी होने से किसी को भी चोट नहीं लगनी चाहिए।
‘ॐ नमो भगवते हनुमते नम:। ‘ इस मंत्र से हनुमान जी की पूजा करते है। वैवाहिक जीवन सुख-शांति से भंग हो गया है या संतान पर संकट का साया मंडरा रहा है तो,इस मंत्र से हनुमान जी की पूजा करें।
सुबह 4:00 बजे हनुमान चालीसा पढ़नी चाहिए क्योंकि हनुमान जी की चालीसा पढ़ने से आपके मन को शांति और आगे बढ़ने का विश्वाश मिलेगा। बता दें, ऐसा करने से कोई भी भौतिक चीज नहीं मिलेगी।
शास्त्रों के मुताबिक,देवी-देवताओं का पूजन दिन में 4 -5 से बार करनी चाहिए। साथ ही सुबह 5 से 6 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त में पूजन और आरती करने का समय शुभ माना जाता हैं।
रामचरित मानस के सुंदरकांड में हनुमानजी ने कहा हैं कि, “प्रात लेइ जो नाम हमारा।” तेहि दिन अहारा न मिलेगा।इसका मतलब यह है कि, जिस कुल से मैं हूँ (वानर कुल), सुबह-सुबह उसका नाम लेना मुश्किल होता है, उसे भोजन भी मुश्किल होता है। यही कारण है कि सुबह खाने-पीने के बिना किसी वानर या बंदर का नाम नहीं लेना चाहिए।