Red Scorpion :बिच्छू का जहर सारी दुनिया भर में एक गंभीर विषय बना हुआ है ! इसी में से एक भारतीय लाल बिच्छू (मेसोबुथुस टैमुलस) अपने जानलेवा ढंग के कारण दुनिया भर के सबसे खतरनाक बिच्छू में से एक माना जाता है ! वही अब भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने दुनिया के सबसे खतरनाक और जानलेवा बिच्छुओं में से एक भारत के लाल बिच्छू (मेसोबुथुस टैमुलस) के डंक का एक प्रभावशाली इलाज ढूंढ लिया है ! जिसके चलते किसी मरीज का ब्लड शुगर नहीं बढ़ता है ! और ऐसी कोई परेशानी नहीं होती है जो की पुरानी दवा के कारण होती थी !
जाने इस पोस्ट में क्या क्या है
Toggleभारत की इस दवा से लाखों लोगों की बचाई जाएगी जान (Red Scorpion )
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि भारतीय लाल बिच्छू (मेसोबुथुस टैमुलस) के जानलेवा डंक से बचने के लिए यह इलाज वाणिज्यिक घोड़े के एंटी-बिच्छू एंटीवेनम (एएसए), अल्फा1-एड्रेनोसेप्टर एगोनिस्ट (एएए) और विटामिन सी की कम खुराक से मिलकर बनाया गया है ! बात दें बिच्छू के डंक के पुराने इलाज में मरीज को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था लेकिन अब इस नए इलाज में मरीज को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी इसके अलावा यह इलाज पहले इलाज की तुलना में कम खर्चीला है ! इस इलाज से दुनिया भर के लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है !
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शोधकर्ताओं ने किया यह आविष्कार (treatment for scorpion bite in india)
बता दें केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएएसएसटी) के वैज्ञानिकों की एक टीम के साथ-साथ तेजपुर विश्वविद्यालय एनआईईएलआईटी, गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने इस दवा का आविष्कार किया है !
दवा का पहली बार प्रशिक्षण (red scorpion bite treatment )
बता दें दवा की प्रभावकारिता का परीक्षण पहली बार कैनोरहाब्डिस एलिगेंस पर किया था , यह एक मुक्त-जीवित निमेटोड का मॉडल है, जो कि एक इनविवो पशु मॉडल के विकल्प के रूप में काम करता है । यह शोध हाल ही में जर्नल टॉक्सिन्स में प्रकाशित किया गया है। इस नई दवा के फॉर्मूलेशन पर एक भारतीय पेटेंट भी दायर किया जा चूका है !
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भारतीय लाल बिच्छू ( (मेसोबुथुस टैमुलस)) के डंक के लक्षण
- मरीज को बहुत तेज दर्द होता है।
- डंक वाले स्थान पर तेजी से सूजन आ जाती है।
- पेट में ऐंठन होती है
- मतली और उल्टी आने लगती है
तेजी से पसीना आने लगता है। - सांस लेने में तकलीफ का अनुभव होता है
- इसके अलावा चक्कर आते है और बेहोश हो जाना
- हार्टबीट तेजी बढ़ जाती है, जिसके कारण मृत्यु हो जाती है।