Third Eye Mystery:क्या मृत्यु के समय तीसरी आँख खुलती है ?

Third Eye Mystery

Third Eye Mystery: सभी जानते है कि शिवजी की ध्यान मुद्रा वाले चित्रों में उनके मस्तक के ऊपर दोनों भौंहों के बीच एक तीसरी आंख (shiv ji ki tisri aankh) होती है ! ऐसा कहा जाता है कि योगाभ्यास से साधक अपने तीसरे नेत्र (Third Eye Mystery) यानी कि विवेक दृष्टि को जगा सकते हैं ! साथ ही योगिक निरंतर अभ्यास करके इस को ग्रंथि को विकसित करते हैं ! योग शास्त्रों के अनुसार त्राटक के सध जाने से योगाभ्यासी की Tisri Aankh खुल जाती है ! लेकिन बहुत से लोगो के मन में यह प्रश्न उठता है कि क्या तीसरी आंख होती है ? और क्या मृत्यु के बाद तीसरी आंख खुल जाती है ? आइये विस्तार से जानते है !

Third Eye Mystery

तीसरी आंख क्या होती है?

शिवजी की तीसरी आंख हमेशा लोगों को अपनी और आकर्षित करती है ! पौराणिक कथाओं के अनुसार Shiv ji ki Tisri Aankh बहुत चमत्कारी और रहस्यमई है ! जब शिवजी की तीसरी आंख खुलती है, तो प्रलय आ जाता है, लेकिन इसके और भी अर्थ है जैसे कि शिवजी के तीसरी आंख को आज्ञा चक्र से जोड़ा जाता है जिसमें अपार शक्तियां होती है !

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भगवान शिव जी के माथे पर दिखाई देने वाली तीसरी आंख (shiv ki tisri aankh) आध्यात्मिक या आज्ञा चक्र (Third Eye Chakra
) को दर्शाती है, जो एक उच्च चेतना का प्रतीक है ! यह तीसरी आंख हमें वह दुनिया दिखाती है जो माया से परे हो !

त्राटक साधना का  तीसरी आँख से संबध

महाभारत की कथा के अनुसार जब गांधारी ने अपने पुत्र दुर्योधन की जान बचाने के लिए अपने आंखों की पट्टी खोलकर उसके शरीर पर दृष्टिपात कर उसके शरीर को वज्र जैसा बना दिया था ! यह तीसरी आंख की एक बहुत ही बड़ी सिद्धि (tisri aankh kaise khole) थी ! यह एक त्राटक साधना की क्रिया है ! त्राटक विधि यह कहती है कि अगर आंखें खोलकर किसी वस्तु को लगातार देखा जाए, उसके बाद अपनी आंख बंद करके उसे मस्तिष्क में अंकित किया जाए , जब अंकित किया गया वह चित्र धुंधला न पड़े तब तक आंखें बंद रखी जाए ! और फिर आंखें खोल कर पुनः उसी वस्तु को एकाग्रतापूर्वक या धानपूर्वक देखने के बाद पहले की तरह फिर से आंखें बंद करके पुनः उपरोक्त क्रिया की जाए !

तीसरा नेत्र और मृत्यु का संबध

पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि मृत्यु के समय शरीर और मन दोनों में बहुत सारे बदलाव होने लगते हैं ! ऐसे कई योगियों का मानना है की मृत्यु के ठीक तुरंत पहले पूरा जीवन हमारे आंखों के सामने आ जाता है ! हमने जीवन में जितने भी कर्म किए हैं वह एक सर्कल रूप से घूमते रहते हैं ! लेकिन क्या मृत्यु के समय किसी भी व्यक्ति की तीसरी आंख पर कोई असर पड़ता है आई विस्तार से जानते हैं !

तीसरी आंख सुनने में तो अच्छा लगता है लेकिन प्रत्येक व्यक्ति इसका अनुभव करें यह संभव नहीं है ! योगियों, साधकों और आध्यात्मिक रूप से जागृत जागरुक व्यक्ति ही तीसरी आंख या आज्ञा चक्र का अनुभव कर सकता है !

मृत्यु कैसी होगी और मृत्यु के समय क्या होगा?

दरअसल मृत्यु के समय व्यक्ति सबसे ज्यादा होश में रहता है ! यह सब थर्ड आई के कारण होता है ! जैसे ही मृत्यु पास में आती है, वैसे ही तीसरी आंख का चक्र अचानक से जागृत होने लगता है इस समय व्यक्ति को आभास होने लगता है कि उसके साथ कुछ ना कुछ होने वाला है ! हालांकि कठिन अभ्यास करने वाले योगी मृत्यु किस दिन होने वाली है यह भी बता सकते हैं ! यही कारण है कि योगी अपने शरीर को त्यागते समय पहले ही बता देते है !

मरने वाले व्यक्ति के सामने अपने जीवन काल में होने वाली पूरी चीजे घूमने लगती है ! वह हर अच्छी चीज और बुरी चीज को देख रहा होता है ! वह उसे समय यह भी सोचता है कि इस मनुष्य शरीर में रहकर उसने क्या किया ? उसे दुख होता है और सुख का भी एहसास होता है ! कहीं ऐसे लोग होते हैं कि उनको पता चल जाता है कि उनका अगला जन्म होने वाला है या नहीं !