Tulsi Vivah 2023: हिन्दू धर्म में कार्तिक महीने को बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है ! इसमें से एक तुलसी विवाह है ! हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे को पूजनीय माना गया है। तुलसी का पौधा औषधीय गुणों से तो परिपूर्ण होता ही है साथ ही धार्मिक दृष्टि से भी इसका बहुत अधिक महत्व है। तुलसी विवाह से मांगलिक कार्यों की शुरुआत मानी जाती है। हिंदू धर्म में तुलसी विवाह (tulsi vivah 2023) को दिन शुभ दिनों में से एक माना जाता है। आइये विस्तार से जानते है !
जाने इस पोस्ट में क्या क्या है
Toggleहिंदू धर्म के मुताबिक अगर तुलसी विवाह (tulsi vivah 2023) के दिन तुलसी माता और भगवान शालिग्राम की पूजा करते हैं. तो सभी भक्तों की मनोकामनाएं यह पूरी होती है तुलसी माता और भगवान शालिग्राम की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में हमेशा सुख शांति बनी रहती है | पुरानी मान्यता के मुताबिक ऐसा करने से पति और पत्नी के बीच कभी भी कोई परेशानियां नहीं आती है | आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीनों के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी के दिन निद्रा अवस्था में चले जाते है और कार्तिक महीने की देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं. जिसके बाद भगवान विष्णु का Tulai के साथ कराया जाता है !
तुलसी विवाह की तिथि और शुभ मुहूर्त 2023
हिंदू धर्म में सभी मांगलिक और शुभ कार्यों की शुरुआत तुलसी विवाह (tulsi vivah 2023) के शुभ दिन से शुरू कर दी जाती है | बता दे इस साल 2023 में तुलसी विवाह (tulsi pujan diwas) के शुभ अवसर पर एक अद्भुत संयोग बन रहा है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीनों के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी की दिन जाग जाते हैं. इसके बाद उनका विवाह तुलसी (tulsi diwas) के साथ कराया जाता है |
tulsi vivah 2023 इस साल कब है
तुलसी विवाह इस साल की देवउठनी एकादशी 23 नवंबर 2023 को है। मतलब इसके एक दिन के बाद में कराया जाता है तुलसी विवाह 2023 इस साल की देवउठनी एकादशी 23 नवंबर 2023 को रहने वाली है मतलब इसके एक दिन बाद 24 नवंबर 2023 को तुलसी विवाह (tulsi pujan diwas) रहेगा। तुलसी विवाह के तुरंत बाद से ही शादी-विवाह आदि के शुभ मुहूर्त निकलना शुरू हो जाते हैं।
तुलसी विवाह की पूजा सामग्री की लिस्ट (Tulsi Vivah Puja Samagri List)
आप पूजा में सीताफल, मूली, आंवला, बेर, मूली, अमरुद और अन्य ऋतु, मंडप आदि को तैयार करने के लिए गन्ने, भगवान विष्णु की प्रतिमा, तुलसी का पौधा, चौकी, धूप, दीपक, वस्त्र, माला, फूल, सुहाग का सामान, सुहाग का प्रतीक लाल चुनरी, साड़ी और हल्दी आदि.. सामग्री का Tulai vivah में आप उपयोग कर सकते है |
तुलसी विवाह की विधि
- तुलसी विवाह (tulsi vivah 2023) के लिए एक चौकी पर आसान बिछाकर उसे तैयार करें इसके बाद तुलसी और शालिग्राम की मूर्ति को स्थापित कर दे |
- उसके बाद कलश और गौरी गणेश जी की पूजा करें
- ऐसा करने के बाद आप कलश और गणेश जी की पूजा अर्चना करे ! और माता तुलसी और भगवान शालीग्राम को धूप, दीप, वस्त्र, माला, फूल माला चढ़ाये !
- माता तुलसी और भगवान शालीग्राम को धूप, दीप, वस्त्र, माला, फूल माला चढ़ाये !
- इस बात का ध्यान रखे की ठीक पूजा करने के तुरंत बाद तुलसी मंगलाष्टक का पाठ करना न भूले !
- इसके बाद हाथ में आसान पड़कर शालिग्राम को लेकर तुलसी के सात फेरे ले |
- इसके बाद भगवान विष्णु और तुलसी जी की आरती करें।
- पूजा के बाद प्रसाद सबमे बाँट दे
- तुलसी पूजा मंत्र (Tulsi Puja Mantra)
इस साल बन रहा है शुभ संयोग
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि 23 नवंबर 2023 को ठीक श्याम 5:09 मिनिट से शुरू हो जाएगी और शुक्रवार की शाम 7:45 तक समाप्त होने वाली है | यह तुलसी विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन ही किया जाता है| बता दे तुलसी जी को लक्ष्मी माता का अवतार माना जाता है । वहीं शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का माना जाता है । इस साल तुलसी विवाह (tulsi pujan diwas) 24 नवंबर 2023, शुक्रवार के दिन होने वाला है । ऐसे शुभ अवसर पर तुलसी विवाह करने से धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी !
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तुलसी जी की आरती (tulsi aarti in hindi)
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।
मैय्या जय तुलसी माता।।
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
मैय्या जय तुलसी माता।।
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